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शून्य काल: गडरिया समाज (पाल समाज) के सामने चुनौतियाँ
01:22
Official Ritesh Pandey

शून्य काल: गडरिया समाज (पाल समाज) के सामने चुनौतियाँ

अम्बेडकरनगर में हज़ारों की तादात में गड़रिया समाज (पाल समाज) के लोग भेड़ पालने का काम करते हैं। 2005 में उनका ऊन 40-45 INR प्रति किलो पर बिकता था। लेकिन पिछले 10-15 सालों में चीन से सस्ते सिन्थेटिक फ़ाइबर इम्पोर्ट के कारण अब इन लोगों का ऊन देश में किसी भी दाम पर बिक नहीं पाता। इन लोगों की अब यह स्थिति है कि उनका ऊन या तो फेंका या फिर जलाया जा रहा है। यह स्थिति मेरे क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और साथ साथ गुजरात, बिहार, और महाराष्ट्र में भी है। 10 दिसम्बर के शून्य काल में मैंने माननीय वस्त्र मंत्री से अनुरोध किया कि ऊन के व्यापार को इन प्रदेशों में बढ़ावा देने का काम करें, और साथ में मैंने माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री से अनुरोध किया कि गड़रिया समाज के लोगों को और प्रगतिशील बनाने की दिशा में कार्य करें।
शून्य काल: क्षेत्र को पूर्वांचल ऐक्सप्रेस्वे से जोड़ने की माँग
01:29
Official Ritesh Pandey

शून्य काल: क्षेत्र को पूर्वांचल ऐक्सप्रेस्वे से जोड़ने की माँग

अम्बेडकरनगर में हज़ारों की तादात में गड़रिया समाज (पाल समाज) के लोग भेड़ पालने का काम करते हैं। 2005 में उनका ऊन 40-45 INR प्रति किलो पर बिकता था। लेकिन पिछले 10-15 सालों में चीन से सस्ते सिन्थेटिक फ़ाइबर इम्पोर्ट के कारण अब इन लोगों का ऊन देश में किसी भी दाम पर बिक नहीं पाता। इन लोगों की अब यह स्थिति है कि उनका ऊन या तो फेंका या फिर जलाया जा रहा है। यह स्थिति मेरे क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और साथ साथ गुजरात, बिहार, और महाराष्ट्र में भी है। 10 दिसम्बर के शून्य काल में मैंने माननीय वस्त्र मंत्री से अनुरोध किया कि ऊन के व्यापार को इन प्रदेशों में बढ़ावा देने का काम करें, और साथ में मैंने माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री से अनुरोध किया कि गड़रिया समाज के लोगों को और प्रगतिशील बनाने की दिशा में कार्य करें।
शून्य काल: UP में उच्च शिक्षा की दयनीय स्तिथी
01:20
Official Ritesh Pandey

शून्य काल: UP में उच्च शिक्षा की दयनीय स्तिथी

राज्य भर के कॉलेजों में प्रोफेसरों और अन्य स्टाफ के पद खाली पड़े है | अंबेडकर नगर के महामाया कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में डीन और प्रोफेसरों की पर्याप्त संख्या भी नहीं है। डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में बिना मार्कशीट निकाले ही विद्यार्थियों को डिग्रीयां बाँट दी गयी। उत्तर प्रदेश में नौ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों के 395 पद खाली हैं। गोरखपुर (जहाँ हाल ही में 183 से अधिक बच्चों की मौत जापानी इंसेफेलाइटिस से हुई), मेरठ और झाँसी के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत शिक्षक पद खाली हैं। हमारे देश के भविष्य को इस तरह की टूटी-फूटी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने 2022 में भारत के $ 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनने के सपने को पूरा करने के लिए यूपी को $ 1 ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के संकल्प की घोषणा की थी। इस लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने राज्य के शैक्षणिक संस्थानों के सहकार्य का वर्णन भी किया था | जब हम इन संस्थानों में हमारे युवाओं को पर्याप्त रूप से शिक्षित ही नहीं कर पा रहे हैं तो 1 ट्रिलियन का यह सपना कैसे पूरा होगा?
शून्य काल: फफूलि की बीमारी से परेशान पूर्वांचल के किसानों का मुद्दा उठाते हुए
01:33
Official Ritesh Pandey

शून्य काल: फफूलि की बीमारी से परेशान पूर्वांचल के किसानों का मुद्दा उठाते हुए

दोस्तों, आप में से कई लोग जानते होंगे कि "राइस ब्लास्ट" नामक फफूलि की बीमारी किस तरह से अम्बेडकरनगर और पूरे पूर्वांचल में किसानों को भारी नुक़सान पहुँचा रही है। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फफूलि की बीमारी भी दैवी आपदा मानी जाएगी, लेकिन पूरे उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने इस बीमारी को संज्ञान में ना ले करके किसानों को भारी नुक़सान पहुँचाया है। उन्होंने इस बीमारी का सर्वे ही नहीं करवाया, जिससे यह औपचारिक रूप से सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि किस हद तक यह बीमारी पूर्वांचल के किसानों की फसल पर हावी पड़ी है। जिसके कारण ना सिर्फ़ किसानों को आर्थिक नुक़सान पहुँचा है, बल्कि किसानों को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आधिकारिक बीमा-दावे से वंचित किया गया है। किसानों से प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमीयम निरंतर काटा जाता है। लेकिन जब ऐसी आपदाओं से – जो PMFBY के अंतर्गत सुरक्षित हैं – किसानों को राहत ना मिल पाए, तो यह योजना महत्वहीन हो जाती है। आख़िर किसान किस दरवाज़े पर गौहार लगाए? मेरा सरकार से अनुरोध है कि PM फसल बीमा योजना के अंतर्गत इस फफूलि बीमारी से उत्पन्न नुक़सान की औपचारिक जांच करवाई जाए और किसानों को तत्काल मुआवज़ा दिलवाया जाए।
21 नवम्बर के प्रश्नकाल में जल शक्ति मंत्री के लीए मेरा प्रश्न
05:37
Speeches: Video
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